मोर जहुरिया तय खाले किरिया मया हे अडबड़ भारी।
झन झोड़बे तय पिरीत के बंधना मोर मयारु संगवारी ।।
तोर आंखी के कजरा खोपा के गजरा झुले तोर कान के बाली ।
तोर नाक के नथनी मांथ के बिंदिया तोर कोयली कस गुरतुर बोली।।
मोर जहुरिया मोर पिरोहिल आज दिखथस सुग्घर बढिया ।
झुठ लबारी नि मरों कहांथो सिरतोन म मैं हर हवाव वो छत्तीसगढ़िया।।
मन मयारु मने नही देखे बर तोला अंतश ह मारे हिलोर ।
मोर जहुरिया मोर पिरोहिल हावय तोर मोर मया के शोर ।।
संग संगवारी मन देवय ताना होगे मेहां बदनाम ।
तोर मया पिरीत म मेहां हर लिखेव कविता तोर नाम ।।
डोमेन्द्र नेताम
मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा
जिला -बालोद (छ.ग.)