Thursday, August 12, 2021

संजय देवांगन सिमगा_"" किसानी के दिन ""


""   किसानी के दिन   ""


कांदा कुशा के दिन लहुट गे 

केकरा मेंचका चंढगे मेड पार 

खलबल खलबल चिखला गाये 

गॉव गली अंगना दुवार.....

अ र र र र त् त् त्  छो के परत हे  गुहार........ 


नांगर बईला धरे जहुरिया 

बटकी म बासी बोहे बहुरिया 

चलय गॉव गली ले खेत खार 

मुठा मा पड़की हाथ म तुतारी

आगु मा बईला पाछु मा संगवारी 

करत हे दुनो जीवन बर  उपकार 

अ र र र र त् त् त् छो के परत हे गुहार...... 


हरियर हरियर दिखत हे रूख राई 

मन ला मचलावत हवय पुरवाई 

खल -खल खल -खल नदिया बाढे 

रिमझिम गिरे बरसा के फूहार 

अ र र र र त् त् त् त् छो के परत हे गुहार......... 


झिमिर झिमिर बरसत हे पानी 

अाग लगावय मद मस्त जवानी 

तन मन हा मारत हे हिलोर 

गावय मस्त पवन मल्हार 

अ र र र र त् त् त् त् छो के परत हे गुहार......


          संजय देवांगन सिमगा 

        रायपुर छत्तीसगढ़

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