हमर छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ ला धान कटोरा कइथे,
छत्तीसगढ़ मे धन -धान्य हा उपजथे।
नदिया नरवा हा खरल खरल बोहाथे,
छत्तीसगढ़ संस्कृति हा अजब सुहाथे॥
छत्तीसगढ़ महतारी के कोरा में,
आनी बानी के तीज त्यौहार मनाथे।
देवी, देवता, धामी के गुन ला गाके,
अपन जीवन के मनौती ला मानाथे॥
सब्बो संगवारी जानो, समझो गुनो,
छत्तीसगढ़ महतारी बहुतेच महान हे।
जेखर कोरा मा हम खेलेन कूदेन,
फिर हमन मन काबर अनजान हैं॥
छत्तीसगढ़ महतारी के गुन ला गावो,
जेखर महिमा हा दुनिया में भारी है।
हर खुशी ला अपन अंतस में समेटे,
हमन के छत्तीसगढ़ महतारी हा॥
रचना
स्वरचित एवं मौलिक
मनोज कुमार चन्द्रवंशी "मौन"
बेलगवाँ जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश
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